मंद-मंद मुस्कान मंद-मंद मुस्कान
तुम्हारी बातों की वो चुभन, तुम्हारी बातों की वो चुभन,
प्यार मे न उपहार का लालच था प्यार मे न उपहार का लालच था
यादों को खंगालने पर भी धुंधलका छंट न पाया। यादों को खंगालने पर भी धुंधलका छंट न पाया।
लिखना चाहती हूं ढेर सारी बातें,पर लिखा न पाती एक तिनका अक्षर । लिखना चाहती हूं ढेर सारी बातें,पर लिखा न पाती एक तिनका अक्षर ।
मेरे अगले ख़त के बहाने ही सही, तुम मेरा इंतज़ार तो करोगी ना...! मेरे अगले ख़त के बहाने ही सही, तुम मेरा इंतज़ार तो करोगी ना...!